1. बाली जगार ' लोक महाकाव्य का गायन गुरुमायें करती हैं। 2. परधानों ने और देवारों ने पंडवानी लोक महाकाव्य को पूरे छत्तीसगढ़ में फैलाया। 3. ये लोक महाकाव्य हैं आठे जगार, तीजा जगार (धनकुल), लछमी जगार और बाली जगार। 4. भिखारी और उनका बिदेसिया भोजपुरी का ही नहीं वरन् भारतीय समाज का लोक महाकाव्य है. 5. वस्तुतः ये चारों जगार पूर्णतः वाचिक परम्परा के सहारे पीढ़ी-दर-पीढ़ी मुखान्तरित होते आ रहे लोक महाकाव्य हैं। 6. वस्तुतः ये चारों जगार पूर्णतः वाचिक परम्परा के सहारे पीढ़ी-दर-पीढ़ी मुखान्तरित होते आ रहे लोक महाकाव्य हैं। 7. लोक महाकाव्य लछमी जगार का गायन इस महापर्व का प्रमुख आकर्षण होता है जिसे दो गुरुमायें गाती हैं।8. ये लोक महाकाव्य हैं आठे जगार, तीजा जगार (धनकुल), लछमी जगार और बाली जगार। 9. ये चारों लोक महाकाव्य अलिखित हैं और पूरी तरह वाचिक परम्परा के सहारे मुखान्तरित होते आ रहे हैं। 10. यह ऐसा सुन्दर बन पड़ा है कि ' लोक महाकाव्य ' कहने में तनिक भी संकोच नहीं होता ।